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Sunday, October 26, 2008
पूजा रिश्वत मैया ki
रिश्वत मैया की यहाँ पूजा हो चहूँ और,
बाबू अफसर मंत्री सब बंधे इसी की डोर,
बंधे इसी की डोर, खुशामद न करवाती,
बंद मिठाई के डिब्बे में घर पर आती,
आरजी-फर्जी कम इसी के बल पर होवें,
रिश्वत बाबू चपरासी तलवे धोवे,
1 comment:
कविता रावत
said...
रिश्वत कहाँ शिष्टाचार होता है यह
मंदिर में जिस तरह चढ़ावा चढ़ाते हैं वैसे है या यह भेंट
November 26, 2013 at 4:48 AM
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1 comment:
रिश्वत कहाँ शिष्टाचार होता है यह
मंदिर में जिस तरह चढ़ावा चढ़ाते हैं वैसे है या यह भेंट
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